महोगनी की खेती (Mahogany
Farming) से सम्बंधित जानकारी
महोगनी
वृक्ष को बहुत ही कीमती वृक्ष के रूप में जाना जाता है, यह ऐसा वृक्ष है
जिसके सभी भागो को उपयोग में लाया जाता है | महोगनी पेड़ खासकर
व्यापारिक उद्देश्य के लिए होता है, यह अत्यधिक मजबूत और
टिकाऊ वृक्ष होता है | इसलिए
इसका इस्तेमाल जहाज़, कीमती, फर्नीचर, प्लाईवुड, सजावट की वस्तुए और
मूर्तियों को बनाने में होता है | यह एक औषधीय पौधा भी है, इसलिए इसके बीजो और
फूलों का इस्तेमाल शक्तिवर्धक दवाइयों को बनाने में होता है| इस वृक्ष की पत्तियों में एक खास तरह का गुण पाया जाता है, जिससे इसके पेड़ो के पास किसी भी तरह के मच्छर और
कीट नहीं आते है | इस वजह से इसकी पत्तियों और बीज के
तेल का इस्तेमाल मच्छर मारने वाली दवाइयों और कीटनाशक को बनाने में किया जाता है | इसके तेल का उपयोग कर साबुन, पेंट, वार्निस
और कई तरह की दवाइयों को बनाया जाता है |
महोगनी
की खेती कैसे की जाती है (How
to Cultivate Mahogany)-महोगनी के वृक्षों को
उस जगह पर उगाया जाता है, जहा
तेज हवाएं कम चलती है, क्योकि
इसके पेड़ 40 से 200 फ़ीट की लम्बाई तक लम्बे होते है | किन्तु भारत में यह पेड़ केवल 60 फीट की लम्बाई तक ही
होते है | इन
पेड़ो की जड़े कम गहरी होती है, और भारत में इन्हें पहाड़ी
क्षेत्रों को छोड़कर किसी भी जगह उगाया जा सकता है | महोगनी के पेड़ो की खेती
कर अच्छी कमाई की जा सकती है|
महोगनी
के पेड़ो को उगाने के लिए उपयुक्त मिट्टी (Suitable
Soil for Growing Mahogany Trees)-इसके पेड़ो को किसी
भी उपजाऊ मिट्टी में उगाया जा सकता है, लेकिन जल भराव वाली
भूमि में इसके वृक्षों को न लगाए और न ही पथरीली मिट्टी में लगाए | इन पेड़ो के लिए
मिट्टी का P.H. मान सामान्य होना चाहिए |
महोगनी के पेड़ो के
लिए उचित जलवायु व तापमान (Suitable Climate and Temperature for
Mahogany Trees)
इसकी
खेती के लिए उष्णकटिबंधीय जलवायु को सबसे अच्छा माना जाता है, अधिक वर्षा इसके
पेड़ो के लिए उपयुक्त नहीं होती है | सामान्य मौसम में
इसके पेड़ो का अच्छे से विकास होता है, जब इसके पौधो को
लगाया जाता है तब इनको तेज गर्मी और सर्दी से बचाना होता है | इनकी जड़े ज्यादा
गहरायी में नहीं होती है, इसलिए
तेज हवाओं से इनके पेड़ो को खतरा होता है | सर्दियों में गिरने
वाला पाला भी इनके पौधो को हानि पहुँचाता है |महोगनी
के पौधो को अंकुरित और विकसित होने के लिए सामान्य तापमान की आवश्यकता होती है, सर्दियों के मौसम में 15 और गर्मियों के मौसम में 35 डिग्री के तापमान में अच्छे से विकास करते है |
महोगनी के वृक्षों
की विकसित किस्मे (Developed Varieties of Mahogany Trees)
भारत
में इसके पेड़ो की अभी तक कोई खास प्रजाति नहीं है, इस
लिए अन्य देशों से आयात किया जाता हैं। अभी तक केवल 5 विदेशी किस्मे कलमी
किस्मो को ही उगाया गया है| जिनमें
क्यूबन, मैक्सिकन, अफ्रीकन, न्यूज़ीलैंड, और होन्डूरन आदि
किस्में शामिल हैं | पेड़ो
की यह सभी किस्मे पौधे और उनकी उपज की गुणवत्ता के आधार पर उगाई जाती है, यह पौधे लम्बाई में 50 से 200 फीट तक होते है |
महोगनी
पौधो को लगाने के लिए खेत की तैयारी (Field
Preparation for Planting Plants)-सबसे पहले खेत की
अच्छी तरह से गहरी जुताई कर लें, फिर दो तीन बार इसकी तिरछी जुताई
कर दे | इसके
बाद खेत में पटा लगा कर खेत को पूरा समतल कर दें | खेत के समतल हो जाने
पर जल भराव की समस्या का सामना नहीं करना पड़ेगा |जब खेत समतल हो जाये
तो उसमे 5 से
7 फीट
की दूरी पर तीन फीट चौड़े और दो फीट गहरे गढ्ढे बना लें |इन सभी गढ्ढो को एक
लाइन में ही तैयार करे, और
तैयार की गयी प्रत्येक लाइन के बीच में चार मीटर की दूरी होनी चाहिए | तैयार किये गए गढ्ढो
में जैविक और रासायनिक खाद को मिट्टी में मिलाकर भर दें | इसके बाद इन गढ्ढो की
अच्छे से सिंचाई कर दें, इन गढ्ढो को पौधो की
रोपाई से एक महीने पहले तैयार किया जाता है |
महोगनी पौधो की
रोपाई का सही समय और तरीका (Right Time and Method of Planting
Seedlings)
महोगनी
की खेती के लिए इसके पौधों को किसी भी पंजीकृत सरकारी कंपनी से ख़रीदा जा सकता है, इसके अतिरिक्त इसके
पौधों को नर्सरी में भी तैयार किया जा सकता है | पौधों को नर्सरी में
तैयार करने में अधिक समय व मेहनत लगती है | इसलिए इसके पौधों को
खरीद कर लगाना ज्यादा उचित होता है | नर्सरी से पौधों को
खरीदते समय यह जरूर ध्यान रखे कि पौधे दो से तीन वर्ष पुराने और अच्छे से विकसित
हो |
इसके
बाद ख़रीदे गए पौधों को तैयार किये गए गढ्ढो में लगा दें, पौधों को लगाने के
लिए गढ्ढे के बीचो – बीच
छोटा सा गढ्ढा बना ले, फिर
उसमे इन पौधों को लगा कर मिट्टी से अच्छी तरह ढक दें |इसके पौधों को लगाने
के लिए जून और जुलाई के महीने को ज्यादा उपयुक्त माना गया है | भारत में इस दौरान
मानसून का मौसम होता है, जिससे
पौधों को विकास करने के लिए उचित वातावरण प्राप्त होता है | इस दौरान बारिश के हो
जाने से पौधों की सिचाई की भी अधिक जरूरत नहीं होती है |
महोगनी पौधों की
सिंचाई कब और कैसे करनी चाहिए (When and How to Irrigate Plants)
जब
पौधों को खेत में लगा दिया जाता है, तब उन्हें अधिक
सिंचाई की आवश्यकता होती है | गर्मियों के मौसम में पौधों को 5 से 7 दिन के अंतराल में
पानी देते रहना चाहिए | वही
सर्दियों के मौसम की बात करे तो 10 से 15 दिन के अंतराल में
पौधों को पानी देना उचित होता है | बारिश के मौसम की बात
करे तो आवश्यकता पड़ने पर ही पौधों को पानी दे | पौधों के विकास के
साथ इनको पानी देने की मात्रा घट जाती है | पूरी तरह से विकसित
हो चुके पौधों को वर्ष में केवल 5 से 6 सिंचाई की ही जरूरत
होती है |
महोगनी पौधों की उपज
के लिए उर्वरक की मात्रा (Fertilizer Amount for Plant Yield)
इसके
पौधों को भी अच्छे विकास के लिए उवर्रक की जरूरत होती है | इसके लिए गड्डो को
भरते समय 20 किलो गोबर की खाद के साथ 80 ग्राम एन.पी.के. की
मात्रा को मिट्टी
में मिला दें | उवर्रक
की इस मात्रा को तक़रीबन चार वर्ष तक देनी चाहिए, और जैसे – जैसे पौधों का विकास होता है वैसे -वैसे
उवर्रक की मात्रा को बढ़ा देंनी चाहिए | पौधों के पूरी तरह विकसित हो जाने पर 50 किलो जैविक खाद और
एक किलो रासायनिक खाद की मात्रा को वर्ष में तीन बार सिंचाई के पहले देनी चाहिए |
महोगनी पौधों पर
खरपतवार नियंत्रण कैसे करे (How to Control Weeds)
खरपतवार पर नियंत्रण के लिए
पौधों की निराई-गुड़ाई की आवश्यकता होती है | खेत में पौधों को
लगाने के बीस दिन पश्चात् खेत की पहली गुड़ाई कर जन्म लेने वाले खरपतवारो को निकाल
देना चाहिए | इसके
बाद समय समय पर खेत में जब भी कोई खरपतवार दिखे तो उसकी गुड़ाई कर निकाल
दें
| खेत
में खाली पड़ी जमीन की जुताई बारिश के मौसम के बाद कर देनी चाहिए |
महोगनी के वृक्षों
से अतिरिक्त कमाई कैसे करे (How to Earn Extra)
महोगनी के पौधे 6 वर्ष में पूर्ण रूप
से विकसित होकर पेड़ बन जाते है | इस बीच यदि किसान भाई चाहे तो वृक्षों
के बीच में खाली पड़ी जमीन में दलहन की फसल को लगा अच्छी कमाई कर
सकते है | इसके
पेड़ो के कटने में कई वर्ष लगते है, जिससे किसान दलहन की
फसल को कर अपनी आर्थिक परेशानियों से बच सकते है | साथ ही पौधों को
नाइट्रोजन की पर्याप्त मात्रा भी मिलती रहेगी|
महोगनी के वृक्षों
में लगने वाले रोग और उनकी रोकथाम (Mahogany Tree Diseases and Their
Prevention)
इसके
पेड़ो में किसी तरह के रोग नहीं देखने को मिलते है, क्योकि इसके पेड़ो की
पत्तियों का उपयोग ही कीटनाशक दवाइयों को तैयार करने में होता है | इसमें केवल अधिक जल
के भरे रहने से तनो के गलन का खतरा हो सकता है | इसके लिए गढ्ढो को
जलभराव से बचाव करना चाहिए |
महोगनी
लकड़ी की कीमत (Price
Value Of Mahogany Wood)-महोगनी के वृक्ष 6 से 12 वर्ष के लम्बे समय के
बाद कटने के लिए तैयार हो जाते है | पेड़ो के पूरी तरह से
तैयार हो जाने पर यदि इसकी कटाई अधिक समय तक नहीं की जाती है, तो यह और अच्छी उपज
देते है | इसके
वृक्षों को जड़ के पास से काटा जाता है |महोगनी के वृक्ष एक एकड़ में लगभग 12 वर्ष के इंतजार के
बाद करोड़ो की कमाई कराते है | इसके पेड़ की लकड़ियों का मूल्य
दो हज़ार रूपये प्रति घनफिट के हिसाब से होता है | तथा इसके बीज और
पत्तिया भी अच्छी कीमत पर बिकते है, इसके वृक्षों को ऊगा
कर किसान भाई अच्छी कमाई कर सकते है|
महोगनी लकड़ी से
सम्बंधित जानकारी (Mahogany Wood Information)
महोगनी
की लकड़ी बढ़िया फर्नीचर के निर्माण के लिए सबसे उत्कृष्ट सामग्रियों में से एक
है। इस मामले में महोगनी की लकड़ी को महत्व दिया जाता है क्योंकि यह टिकाऊ होती है
और इसे जटिल विवरणों के साथ तराशा जा सकता है। इसमें एक गहरा, समृद्ध रंग, आकर्षक अनाज, खूबसूरती से दाग, और निर्मित उत्पादों
पर ठोस रूप से गोंद होता है। महोगनी को पहली बार 1724 में यूरोप में आयात
किया गया था और यह जल्द ही सुंदर अलंकृत फर्नीचर के कारण प्रसिद्ध हो गया, जो कि एक अंग्रेजी
कैबिनेट निर्माता चिप्पेंडेल ने लकड़ी से बनाना शुरू किया था।महोगनी की लकड़ी से
प्राप्त होने वाली सबसे मूल्यवान कच्चा उत्पाद (Raw Product) सॉलिड लकड़ी है, जिससे महंगे फर्नीचर
और अलमारियों का निर्माण किया जाता है। हालांकि सॉलिड महोगनी एक बहुत महंगी
सामग्री है और इसे प्राप्त करना कठिन होता जा रहा है। नतीजतन, अब बहुत अधिक महोगनी
का उपयोग लिबास उत्पाद बनाने के लिए किया जाता है, जिसमें निम्न लकड़ी
का एक कोर महोगनी की एक पतली परत से ढका होता है। यह मिश्रित सामग्री एक साथ चिपकी
हुई है, और
महोगनी के कई वांछनीय गुणों को जोड़ती है|
महोगनी लकड़ी का उपयोग (Mahogany
Wood Uses)-महोगनी का उपयोग ज्यादातर व्यावसायिक अनुप्रयोगों के
लिए किया जाता है। यह अपनी सुंदरता, स्थायित्व और रंग के
कारण लोकप्रिय है। इसका उपयोग फर्नीचर, नावों, संगीत वाद्ययंत्रों, फर्श के लिबास और
अन्य वस्तुओं में किया जाता है। महोगनी को जटिल विवरणों के साथ उकेरा जा सकता है।
इसमें आकर्षक और सुंदर दाग के साथ एक समृद्ध रंग है। वर्तमान में इस लकड़ी का
उपयोग पूरी दुनिया में किया जा रहा है। इसके अन्य उपयोग इस प्रकार है-
फ़्लोरिंग (Flooring)
- महोगनी की लकड़ी अपनी कठोरता और सुंदरता के साथ लंबे
जीवन के लिए जानी जाती है। कुछ फर्श विशेषज्ञों का कहना है, कि
महोगनी लकड़ी का फर्श इसे फर्श के लिए आदर्श विकल्प बनाता है।
- महोगनी की लकड़ी अन्य लकड़ी जैसे ओक, देवदार, आदि की
तुलना में कठिन होती है। गहरे रंग के कारण, यह धूल
रहित दिखता है और हर समय अच्छा और साफ दिखता है।
- अपनी उपस्थिति के कारण यह फर्श के लिए पसंदीदा लकड़ी
है। फर्श का उपयोग करने का सबसे बड़ा कारण यह है कि यह आपके कमरे में किसी भी
अन्य फर्नीचर से मेल खाता है और सुंदर पैटर्न देता है।
- फर्श का उपयोग करने का एक फायदा यह है कि यह धूप में
आसानी से अपना रंग नहीं बदलता है। लेकिन हल्के रंग की महोगनी की लकड़ी जो समय
के साथ काली हो जाती है।
प्लाईवुड लिबास (Plywood Veneer)
- इसके अच्छे दाने और घनत्व के कारण, इसका
उपयोग लिबास की चादरें बनाने के लिए किया जाता है। प्लाईवुड कई पतली लकड़ी की
चादरों से बनाया जाताहै, जिन्हें विनियर शीट कहा जाता है।
- महोगनी से बना प्लाईवुड ठोस लकड़ी की तरह दिखता है और
एक शानदार रूप भी देता है। महोगनी की प्लाईवुड ठोस लकड़ी से ज्यादा मजबूत
होती है क्योंकि यह ठोस लकड़ी की तुलना में अधिक लचीली होती है। लचीलेपन के
कारण प्लाइवुड बिना टूटे अधिक भार वहन कर सकता है।
नाव बनाने के लिए एक अच्छा विकल्प (A
Good Choice for BoatBuilding)
- घरों और अन्य निर्माण परियोजनाओं के लिए लकड़ी चुनना
आसान है। लेकिन
यदि हम समुद्री अनुप्रयोग के बारे में बात करते हैं, जो अधिक
समय खारे पानी और लगातार के संपर्क में है। इसलिए सही लकड़ी चुनना बहुत जरूरी
है। इसके लिए
लकड़ी की प्रजातियों के गुणों को जानना जरूरी है।
- नावों के लिए महोगनी की लकड़ी एक अच्छा विकल्प हो सकती
है। नावों के
लिए महोगनी की लकड़ी का उपयोग
लंबे समय से किया जाता रहा है।
- नाव बनाने के लिए, लकड़ी
पानी प्रतिरोधी,
सड़ांध प्रतिरोधी और टिकाऊ होनी चाहिए। लकड़ी की
सभी प्रजातियां नाव बनाने के लिए पर्याप्त मजबूत नहीं होती हैं। समय के
साथ लकड़ी सिकुड़ती जाती है और पानी नाव को नुकसान पहुंचा सकता है। इसलिए
अलंकार या फर्श के लिए लकड़ी चुनें, झुकने और
सड़ने का सामना करने में सक्षम हों। महोगनी
की लकड़ी नाव
बनाने के लिए एक अच्छा विकल्प है।
आभूषण बॉक्स (Jewellery
Box)
महोगनी
की लकड़ी का उपयोग गहने के बक्से बनाने के लिए किया जाता है। जोशानदार रेड-ब्राउन लुक देता है। इसका पॉलिश क्लासिक लुक
एक ऐसी समृद्धि को दर्शाता है जिसे नजर अंदाज करना मुश्किल है।
महोगनी लकड़ी के लाभ
(Mahogany
Wood Benefits)
1. लकड़ी का रंग (Wood Colour)
- महोगनी को चुनने के कई कारण हैं, उनमें से
एक कारण रंग है। महोगनी
एक लाल-भूरा रंग है। जो किसी
भी एप्लीकेशन को और भी बेहतर लुक देता है। समय के
साथ महोगनी की लकड़ी का रंग और भी गहरा हो जाता है।
- महोगनी की लकड़ी पॉलिश और पेंट से बहुत अच्छी तरह से
मेल खाती है। जो
महोगनी के जीवन को दोगुना कर देता है। यह कमरे
में अन्य फर्नीचर के साथ एक अच्छा दिखने वाला संयोजन बनाता है।
2. जल प्रतिरोध (2. Water
Resistance)
- यह अच्छी जलरोधी लकड़ी है। जो पानी
और नमी के संपर्क में लंबे समय तक रह सकता है। इसका
उपयोग बाहरी अनुप्रयोगों और समुद्री अनुप्रयोगों जैसे अलंकार और नाव निर्माण
के लिए किया जा सकता है।
- यह कम रखरखाव में कई दशकों तक टिकाऊ है। कई
विशेषज्ञ नाव निर्माता नाव और अलंकार बनाने के लिए महोगनी पसंद करते हैं।
3. स्थिरता (Stability)
महोगनी
लकड़ी की एक स्थिर प्रजाति है, जो समय के साथ अपने गुणों को
नहींबदलती है। लेकिन समय के साथ रंग गहरा होता जाता है। यह सिकुड़ता नहीं है
और मौसम के बदलते प्रभाव में फैलता है।
4. काम करने में आसान (Easy
to Operate)
यह
लकड़ी हाथ के औजार और मशीन से आसानी से काम कर सकती है। इस लकड़ी को औजारों
से आसानी से ढाला जा सकता है। इसे तराशना और ड्रिल
करना बहुत आसान है। घनत्व होने के कारण, यह पेंच को बहुत
अच्छी तरह से पकड़ता है।
5. लकड़ी की उपलब्धता (Wood Availability)
महोगनी
की सभी प्रजातियां आपको वुड स्टोर पर आसानी से मिल जाएंगी। यह कई आकार और मोटाई
में आसानी से मिल जाता है।
6. कठोरता और स्थायित्व (Hardness
and Durability)यह एक कठोर और टिकाऊ
लकड़ी की प्रजाति है। ताकि यह फर्श के लिए एक बढ़िया विकल्प हो। सख्त होने के कारण
इसमें खरोंच कम आती है। यह लकड़ी बिना टूटे ज्यादा वजन सह सकती है।
महोगनी की फायदेमंद खेती के लिए या और अधिक जानकारी के
लिए राष्ट्रीय पर्यावरण संरक्षण परिषद से
संपर्क करे, हम महोगनी की कौन सी किस्म को किस तरह की मिट्टी में लगाने से लेकर कम समय में अच्छा लाभ और
उच्च तकनीकी सहायता करते हैं। महोगनी की खेती और उचित मार्गदर्शन करने का कार्य राष्ट्रीय
पर्यावरण संरक्षण परिषद द्वारा किया जाता हैं।